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अर्चना तिवारी ने सारांश और तेजेंद्र के साथ मिलकर रची थी खुद की गुमशुदगी की साजिश,परिवार के शादी के दबाव से थी परेशान,जीआरपी रेलवे का बड़ा खुलासा,

अर्चना तिवारी ने सारांश और तेजेंद्र के साथ मिलकर रची थी खुद की गुमशुदगी की साजिश,परिवार के शादी के दबाव से थी परेशान,जीआरपी रेलवे का बड़ा खुलासा,





भोपाल।बीते सात अगस्त से मीडिया की हेडलाइन रहा अर्चना तिवारी मिसिंग केस की परतें बुधवार को दोपहर जीआरपी रेलवे पुलिस ने प्रेस वार्ता का खोल दी हैं जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं,जीआरपी पुलिस के द्वारा अर्चना तिवारी को मंगलवार की देर रात उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी से दस्तयाब कर लिया है,इस केस के तीनों मास्टर माइंड सारांश और तेजेंद्र पुलिस हिरासत में हैं।

अर्चना ने ही लिखी गुमशुदगी की स्क्रिप्ट।

कटनी के मंगल नगर की रहने वाली अर्चना तिवारी ने कटनी से स्नातक और जबलपुर में दो साल तक वकालत करने के बाद बीते एक साल से इंदौर में रहकर वकालत और सिविल जज की तैयारी दोनों कर रही थी,इसी बीच परिवार से शादी का लगातार दबाव आ रहा था बीते कुछ दिन पूर्व किसी राजस्व अधिकारी से परिवार वालों ने रिश्ता तय कर दिया था और अर्चना को इंदौर छोड़कर आने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन अर्चना इंदौर से वापस नहीं आना चाहती थी जिस पर उसने एक खतरनाक साजिश रची,इंदौर निवासी अपने एक दोस्त सारांश से 06 अगस्त को हरदा में मिली और वहीं प्लानिंग हुई कि ट्रेन से गायब हो जाएंगे तो ज्यादा पूछ परख नहीं होगी लिहाजा उसने दो साथियों के साथ मिलकर साजिश को अंजाम दिया और 07 अगस्त को इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस में सवार होकर इटारसी के आउटर में उतर गई जहां पूर्व से इंतजार कर रहा उसके साथी तेजेंद्र को इटारसी का ही रहने वाला है ने उसे स्टेशन के बाहर एसयूवी काल में इंतजार कर रहे सारांश के पास पहुंचा दिया जिसके बाद उन्होंने नेपाल तक का सफर किया और बाद में पुलिस जांच में लखीमपुर खीरी से पकड़ाए गए।

शुजालपुर का है सारांश।

सारांश मूलतः शुजालपुर का रहने वाला है और इंदौर में रहकर अपना ड्रोन का बिजनेश सैटल करने में लगा हुआ था अर्चना तिवारी से उसकी दोस्ती हुई सारांश ने ही अर्चना को तेजेंद्र से मिलवाया था ।

ट्रेन में बदले कपड़े और सीसीटीवी से बचकर निकली स्टेशन के बाहर।

अर्चना तिवारी और उसके साथियों ने पूरी साजिश की पूरी पटकथा लिखते समय खुद के न पकड़े जाने का पूरा प्रयास किया था यहां तक कि इटारसी स्टेशन में सीसीटीवी कहां पर नहीं है कि जानकारी तेजेंद्र ने उपलब्ध कराई,ट्रेन में ही अर्चना को सहयोगियों के द्वारा नए कपड़े दिलाए गए जो उसने बाथरूम में चेंज किया और इटारसी स्टेशन में आउटर में उतर गई और सहयोगी के साथ सीसीटीवी कैमरे से बचते हुए स्टेशन के बाहर खड़े सारांश की कार में चढ़ गई।

इटारसी से नेपाल किस किस रास्ते से पहुंची अर्चना।

अर्चना तिवारी जब इटारसी से अपने साथी के साथ निकली तो सबसे पहले शुजालपुर पहुंची जहां वह कार से नहीं उतरी,उसके बाद अर्चना तिवारी के गुमशुदगी की खबर जब मीडिया में हाइप हुई तो उन्होंने देश छोड़ना उचित समझा और शुजालपुर से बुरहानपुर होते हुए हैदराबाद चले गए और हैदराबाद से बस से दिल्ली और वहां काठमांडू नेपाल पहुंच गए।
(ब्यूरो रिपोर्ट भोपाल)

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