सड़क के अभाव में विवाह का सपना अधूरा, बढ़ी कुंवारों की संख्या,
सुनने में भले अटपटा लगे लेकिन किसी गांव में कुंवारों की संख्या महज इसलिए बढ़ गई की वहां आवागमन के लिए पक्की सड़क नहीं है,कोई भी पिता सड़क विहीन गांव में अपनी बेटी नहीं व्याहना चाहता,गांव के युवा विवाह न होने से मायूस हैं और जिम्मेदार प्रशासन के ऊपर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं..
उमरिया।आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले के मानपुर नगर परिषद अंतर्गत एक गांव है जिसका नाम हंचौरा है इस गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी तो है ही,इसके अलावा यह गांव एक खास वजह से सुर्खियों में आ गया है,ग्रामीणों ने बीते दिनों आरोप लगाया है कि गांव से आवागमन के लिए सड़क नहीं है जिस कारण हंचौरा के युवा कुंवारे घूम रहे हैं और उनका विवाह नहीं हों पा रहा है और इसी वजह से गांव में कुंवारों की संख्या में लागतार इजाफा हो रहा है।
शहरी क्षेत्र में शामिल फिर भी सड़क नहीं,
बीते वर्ष 2018 में नगर परिषद मानपुर का तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा कर गठन के आदेश दिए जिसके बाद मानपुर सहित आसपास के पांच गांव मिलकर नगर परिषद बना दिया गया और हंचौरा को भी उसमें शामिल कर लिया गया और नगर का वार्ड 15 घोषित कर दिया गया,लेकिन नगरीय निकाय का दर्जा मिलने के आठ साल बाद भी गांव में आवागमन के लिए सड़क नहीं जिसका खमियाजा गांव के युवाओं को जबरिया अविवाहित रहकर भुगतना पड़ रहा है।
पांच किमी के सफर ने रोकी शादी की राह
मानपुर मुख्यालय से हंचौरा की दूरी महज पांच किमी है,जिसमे दशकों से सड़क का निर्माण नहीं कराया गया और गांव के युवाओं के दाम्पत्य जीवन में प्रवेश को लेकर यही वजह रोड़ा बनी हुई है,हालांकि नगर पंचायत के सीएमओ राजेंद्र कुशवाहा ने बताया है कि हंचौरा पहुंच मार्ग का प्रस्ताव आते ही सड़क बनवाई जाएगी।
बेटी के पिता ठुकरा देते हैं प्रस्ताव।
हंचौरा निवासी सुंदर लाल कोल ने बताया है कि उसका दो बार विवाह का रिश्ता आया लेकिन जब भी लड़की के परिजन गांव आते हैं तो सड़क की हालत देखकर विवाह का प्रस्ताव ठुकरा देते हैं,गांव में दर्जनों ऐसे युवा हैं जो विवाह की प्रतीक्षा में हैं लेकिन सड़क बाधा बनी हुई है।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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