सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हो रहा पार्क प्रबंधन,जंगल में पिहरी उखाड़ने पर 12 लोगों की गिरफ्तारी का मामला।
जानिए क्या है पीहरी और क्या कहते हैं जंगल के नियम..
उमरिया।जिले के विश्वविख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र अंतर्गत पिहारी उखाड़ने के आरोप में 12 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने और जेल भेजने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है,राजनीतिक दलों सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की ओर से लगातार पार्क प्रबंधन की भर्त्सना की जा रही है और नागरिक अधिकारियों पर तालाबंदी के साथ साथ इसे पार्क प्रबंधन की नादिरशाही रणनीति की बात भी कही जा रही
घटना की जानकारी के बाद से लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में पार्क प्रबंधन की कार्यवाही को लेकर सवाल उठा रहे हैं और लोगों का यहां तक कहना है कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ तेंदुए सहित अन्य वन्य जीव,वन संपदा को बचाने में नाकाम पार्क के अधिकारी कर्मचारी ग्रामीणों को जबरिया और झूठे आरोपों में फंसाकर जेल भेज कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने तो अपने फेसबुक अकाउंट पर पार्क प्रबंधन की इस कार्यवाही के ऊपर जमकर लताड़ लगाई और और व्यंग्यात्मक लहजे में कहा है कि पार्क के अधिकारियों को इस कार्यवाही के लिए राष्ट्रपति पदक मिलना चाहिए वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य मौजीलाल चौधरी ने भी इस कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं और निरीह गरीब जनता को बिना उचित कारण के जेल भेजने का आरोप लगा रहे हैं ,इसके अलावा भी अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यूजर पार्क की इस कार्यवाही पर सवाल खड़े किए हैं।
बता दें बीते 28 अगस्त को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र के मझौली बीट के तीन अलग अलग स्थानों में कक्ष क्रमांक आर एफ 403 बाघिन चौराहार में वन क्षेत्र,बीट पतौर ए के कक्ष क्रमांक 399 और मझौली बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 404 से 12 आरोपियों के साथ 6 बाइक जब्त करते हुए पिहरी उखाड़ने के आरोप में कार्यवाही की थी।
निशाने पर एसडीओ और रेंजर।
जंगली सब्जी पीहरी उखाड़ने पर 12 ग्रामीणों के विरुद्ध कार्यवाही मामले में लोगों के निशाने पर पार्क के सहायक संचालक भूरा गायकवाड़ और परिक्षेत्र अधिकारी मंजू वर्मा हैं सोशल मीडिया यूजर इन्हें ही निशाना बनाकर जबरिया कार्यवाही की बात कह रहे हैं।
क्या कहते हैं नियम
वन्य प्राणी सरंक्षण अधिनियम 1972 के मुताबिक संरक्षित क्षेत्र खासकर टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों का संचालन नहीं किया जा सकता,वाइल्ड लाइफ एक्ट यह भी कहता है कि कोर क्षेत्र के नेचुरल फेनामिना को डिस्टर्ब या डिस्ट्रॉय करना अपराध है लेकिन पेशा और फॉरेस्ट राइट एक्ट जंगल से लगे गांव में ग्रामीणों को निस्तार की आजादी देते हैं वनोपज से आजीविका उपार्जन और वन भूमि में चरनोई के अधिकार की आजादी देता है ऐसे में पीहरी उखाड़ने पर कार्यवाही सवालों के घेरे में है।
क्या है पीहरी
पिहरी (मशरूम) एक पौष्टिक आहार है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर है, जो शाकाहारियों के लिए मांस का एक अच्छा विकल्प है। पिहरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, सूजन कम करता है, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है, और वजन घटाने में सहायक होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को कैंसर और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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