वन कर्मियों के लिए क्षमता संवर्धन अभियान - मेरा बीट मेरा अभिमान,
टाइगर रिजर्व में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन।
उमरिया।बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान जो अपनी प्रचुर जैव विविधता के लिए विश्व विख्यात है वहीं मध्य भारत के अन्य पार्कों की तुलना में यहां का प्रबंध करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है ।जहां इस उद्यान में एक तरफ सबसे कम वन क्षेत्र में अत्यधिक बाघों का घनत्व है वही हाथी जैसे विशालकाय जीव का एकमात्र रहवास बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बन गया है जिस कारण बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को बाघों के साथ-साथ हाथियों से मानव टकराव की चुनौतियां हमेशा बनी रहती है ऐसी स्थिति में पार्क के क्षेत्रीय अमले को चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा सजग तत्पर एवं प्रोफेशनल तरीके से काम करने की जरूरत होती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा पार्क के वन सुरक्षा कर्मी मानव संसाधन की कार्य क्षमता उन्नयन एवं उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत बनाने हेतु लास्ट वाइल्डनेस फाउंडेशन संस्था के सहयोग से मेरी बीट मेरा अभिमान नामक चार दिवसीय रहवासी कौशल उन्नयन कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 9 सितंबर से किया जा रहा है। इस कार्यशाला में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के समस्त रेंजों के बनकर्मी दो पारियों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
उक्त कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक बनकर्मियों को अपने कार्य क्षेत्र में आत्मविश्वास बढ़ाने, परस्पर सहयोग करने एवं सामुदायिक सहभागिता की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाने जैसे विषयों को संवाद एवं गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जिससे और प्रभावी एवं कुशल तरीके से वन एवं वन्य प्राणी प्रबंधन का कार्य किया जा सके। कार्यशाला में प्रशिक्षण के दौरान हंसने का व्यायाम, मानसिक शांति और सकारात्मकता बढ़ाना,“पासिंग का लूप” खेल के माध्यम से क्षमता का सही आकलन करना
बीट का नक्शा बनाकर क्षेत्रीय योजना पर काम करना,कंचा और पाइप जैसे साधनों से टीम तालमेल मजबूत करना,ईको विकास समिति की जानकारी देकर ग्राम स्तर पर सरकारी योजनाओं से जोड़ना,रस्सी में गांठ लगाने जैसी गतिविधियों से टीम भावना बढ़ाना,प्रस्तुति कौशल विकसित कर कार्यों को प्रभावी रूप से करना,निश्चित रूप से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन एवं लास्ट वाइल्डरनेस फाउंडेशन संस्था द्वारा संयुक्त रूप से किये जा रहे मेरी बीट मेरा अभिमान प्रशिक्षण कार्यशाला से अग्रिम पंक्ति के बनकर्मियों की कार्य कुशलता में वृद्धि होगी जिससे मानव -वन्य प्राणी टकराव की स्थितियों को काम करते हुए संरक्षण कार्यो में सामुदायिक सहभागिता के साथ- साथ वन एवं वन्य प्राणी प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सकेगा।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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