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पत्थर पर बैठा था बाघ..सामने ही कीचड़ में फंस गई गाड़ी,नाहरगढ़ में हलक में अटकी जान, विभाग का बड़ा एक्शन

पत्थर पर बैठा था बाघ..सामने ही कीचड़ में फंस गई गाड़ी,नाहरगढ़ में हलक में अटकी जान, विभाग का बड़ा एक्शन

A tiger was sitting on a stone... the vehicle got stuck in the mud right in front, life was in danger in Nahargarh, major action by the department


नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक डराने वाला मामला सामने आया है। जानवरों को देखने आए पर्यटकों की बस दलदल में फंस गई और ऐसे में खूंखार बाघ ने वहां आकर पर्यटकों के बीच हड़कंप मचा दिया। क्या रहा प्रशासन का कदम, जानिए पूरी खबर में

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से एक डराने वाली खबर सामने आई है। जंगली जानवर का दीदार करने गए पर्यटकों की एक गाड़ी उस समय कीचड़ में फंस गई, जब सामने एक खूंखार बाघ टहल रहा था। करीब 25 यात्री उस समय बस में सवार थे, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। कुछ क्षणों के लिए सभी की जान हलक में अटक गई। इसके बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है।
देशी विदेशी पर्यटक फिलहाल दिल्ली रोड स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर और लॉयन सफारी का आनंद नहीं ले सकेंगे। वन विभाग की ओर से अग्रिम आदेश तक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सफारी पर रोक लगा दी है। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने सफारी पर रोक के आदेश जारी किए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम साफ होने और सफारी ट्रैक दुरुस्त होने के बाद सफारी फिर से शुरू की जाएगी।
इस घटना की वजह से रोकी गई है सफारी
दरअसल रविवार 26 अक्टूबर को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक बड़ा होते होते टला था। वन विभाग की गाड़ी में 25 सैलानी सफारी कर रहे थे। सफारी ट्रैक में कीचड़ भरे होने की वजह से गाड़ी का टायर फंस गया था। जैसे ही पर्यटकों से भरी गाड़ी दलदल में फंसकर रुकी। तभी सामने से एक बाघ आ गया। इससे सभी पर्यटक घबरा गए। हालांकि बाघ उस गाड़ी के ठीक पास में रखे एक बड़े से पत्थर पर बैठ गया। करीब आधे घंटे तक पर्यटकों की सांसें डर के मारे अटकी रही। बाद में दूसरी गाड़ी मंगाकर पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया।
पर्यटकों ने उठाया सुरक्षा पर सवाल
हालांकि इस घटना के बाद वन विभाग की ओर से पहले कोई एक्शन नहीं लिया गया लेकिन पर्यटकों ने इस घटना को बड़ी गंभीरता से लिया। घटना का वीडियो तीन दिन बाद सामने आया। एक पर्यटक उज्ज्वल शर्मा का कहना था कि वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की बड़ी लापरवाही रही। एक गाड़ी से दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किए जाते समय करीब 20 मिनट तक पैदल चलना पड़ा। इस दौरान बाघ हमला भी कर सकता था।




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