बाल विवाह रोकने धर्मगुरुओं के साथ HARD संस्था में धर्मगुरुओं के साथ की प्रेसवार्ता,
उमरिया। जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह की रोक-थाम के लिए कार्यरत संगठन HARD (होलिस्टिक एक्शन फार रिसर्च एंड डेवलपमेंट) ने बालविवाहों की रोक-थाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच चलाया जागरूकता अभियान का शुभारंभ पत्रकार वार्ता से किया ,जिला प्रेस क्लब उमरिया में सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता को पंडित बृजेन्द्र पांडेय शारदा मंदिर, सिंध समाज के धर्माचार्य पंडित भरत कमलेश शर्मा, मुस्लिम धर्माचार्य मौलाना शाकिर अली ,मौलाना मारूफ़ रजा, गोंडवाना आचार्य रामसिंह वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा, सुरेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी एवं वरिष्ठ साहित्यकार शम्भू सोनी पागल ने संबोधित किया,संगठन के निदेशक सुशील शर्मा ने कहा, धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है, इस अक्षय तृतीया जिले में बालविवाह रोकने में हम सफल होंगे । बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के उमरिया में सहयोगी संगठन HARD (होलिस्टिक एक्शन फार रिसर्च एंड डेवलपमेंट) की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोक-थाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है । संगठन ने कहा कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, हमने उन्हें बालविवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया। इसके सकारात्मक नतीजों को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बालविवाह नहीं होने पाएगा। आज जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बालविवाह की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से 'चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया' कैम्पेन चला रहा है।
जे आर सी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बालअधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। इसके सहयोगी संगठन HARD (होलिस्टिक एक्शन फार रिसर्च एंड डेवलपमेंट) ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर बाल विवाह रोकने के प्रयास किए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जे आर सी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।
HARD (होलिस्टिक एक्शन फार रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के निदेशक सुशील शर्मा ने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले, डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरेज हाल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसी लिए हमने धर्म गुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया क्योंकि यह वो सब से महत्वपूर्ण वर्ग है जो विवाह संपन्न कराता है। हमने उन्हें समझाया कि बाल विवाह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार है। अठारह वर्ष से कम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत बलात्कार है। बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होने देने की शपथ ले रहे हैं। यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराने से इनकार कर दे तो देश से रातों रात इस अपराध का सफाया हो सकता है। इस अभियान में उनके आशातीत सहयोग व समर्थन से हम अभिभूत हैं। इसको देखते हुए हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त उमरिया के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे,कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ साहित्यकार शेख धीरज जी,राम लखन सिंह चौहान,संपत नामदेव, फूल बाई सिंह, नगीना सिंह का विशेष योगदान रहा ।कार्यक्रम का संचालन भूपेन्द्र त्रिपाठी ने किया ।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
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