आर्थिक तरक्की के दरवाजे खोलेगा बांधवगढ़ का नया ज्वालामुखी पर्यटन गेट,बफर में पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान।
उमरिया।बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के वन परिक्षेत्र मानपुर बफर अंतर्गत जोहिला पर्यटन जोन में पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत हुई। “ज्वालामुखी गेट” नामक नवीन प्रवेश द्वार का विधिवत उद्घाटन बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (बीटीआर) के क्षेत्र संचालक डॉ अनुपम सहाय एवं उप संचालक पीके वर्मा ने शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर किया।इस अवसर पर बीटीआर के समस्त अनुविभागीय वन अधिकारी, रेंज ऑफिसर एवं अन्य वन कर्मचारी उपस्थित रहे। उद्घाटन के उपरांत सभी अधिकारियों ने जिप्सी से सफारी कर क्षेत्र की नैसर्गिक विविधता और जैविक संपदा का अवलोकन किया। ज्वालामुखी गेट से प्रारंभ होने वाला यह ज़ोहिला पर्यटन जोन का मार्ग लगभग 30 किलोमीटर लंबा है, जिसमें पाँच विशिष्ट रूट विकसित किए गए हैं। इन रूटों में क्षेत्र की विभिन्न वन्य-आवासीय संरचनाओं को सम्मिलित किया गया है, जिससे पर्यटक विविध पारिस्थितिक तंत्र और जंगल के कई अनछुए पहलुओं का अनुभव कर सकेंगे।यह मार्ग सिर्फ रोमांच तक सीमित नहीं है बल्कि प्रकृति, इतिहास और संस्कृति का संगम स्थल भी है। पर्यटकों को यहाँ वन्यजीवों के साथ-साथ दुर्लभ वनस्पतियों, और क्षेत्र के प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल “ज्वालामुखी” के भी दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा, जो इस गेट को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।“ज्वालामुखी गेट” की यह पहल जहां एक ओर पर्यटन को नई ऊर्जा प्रदान करेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय समुदायों के लिए स्वरोज़गार और आय के नए द्वार भी खोलेगी,क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ ही यह प्रयास सतत और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम सिद्ध होगा,बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में नया प्रवेश द्वार “ज्वालामुखी गेट” से ज़ोहिला बफ़र जोन की एंट्री होगी,इस गेट से पर्यटक वाहन 30 किमी लंबे नए रास्ते पर भ्रमण कर सकेंगे तथा इस जोन में 5 अलग-अलग रूट बनाए गए है, सभी रूटों को मिला कर लगभग 30 किमी पर अवलोकन का अवसर उपलब्ध कराया गया है।बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक डॉ अनुपम सहाय ने शुभारम्भ के खास मौके पर कहा कि इससे पर्यटकों को वन्यजीव, दुर्लभ वनस्पतियाँ और ऐतिहासिक स्थल का अनूठा अनुभव सैलानियों को मिलेगा,साथ ही स्थानीय समुदायों को रोजगार के भी बेहतर आर्थिक अवसर मिलेंगे।
(ब्यूरो रिपोर्ट)
0 टिप्पणियाँ