दर्द हमारा उनकी भाषा,लिखने को मज़बूर .......
जिला प्रेस क्लब कार्यालय में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन,गुंजा ठहाकों का दौर।
उमरिया।जिला मुख्यालय स्थित जिला प्रेस क्लब कार्यालय में शुक्रवार की शाम हिंदी साहित्य सम्मेलन, वातायन एवं क्लब के संयुक्त तत्वाधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत में मां सरस्वती की वंदना की गई और फिर मौजूद कवियों ने देश की समसामयिक परिस्थितियों चुनौतियों के अलावा सामाजिक समरसता और कुरीतियों को हटाने जैसी भावनाओं से ओत-प्रोत कविताओं का वाचन किया इस दौरान हंसी ठिठौली से पूरा परिसर गुंजायमान रहा है,
जिला प्रेस क्लब कार्यालय में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन,गुंजा ठहाकों का दौर।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत प्रख्यात कवि एवं शिक्षक राजकुमार महोबिया की कविता -
दर्द हमारा उनकी भाषा,
लिखने को मज़बूर |
आँसू की अर्जी में पहले,
लिखना पड़ा 'हुजूर' ||
सही हाथ तक जाते-जाते,
बदल गए संवाद.....से की गई जिसके बाद युवा कवियों ने अपनी कविता का वाचन किया बाद में रामलखन सिंह चौहान ने सामाजिक जागरूकता पर कविता पढ़ी तो प्रख्यात व्यंग कवि शंभू सोनी पागल ने अपने देशी अंदाज में वृद्धावस्था में होने वाली परेशानियों को कविताओं में पिरोकर प्रस्तुत किया,पर्यावरणीय मुद्दे पर कवि एवं साहित्यकार संतोष द्विवेदी ने कविता कही तो प्रेमशंकर मिर्जापुरी ने पारिवारिक संबंधों को महत्व को जोर देने वाली कविता का वाचन किया।
जिला प्रेस क्लब कार्यालय में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन,गुंजा ठहाकों का दौर।
कवि गोष्ठी में युवा
कवि एवं गजलकार शिवांश शेखर जुबेर शेख एवं सचिन त्रिपाठी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया,आयोजन में जिला प्रेस क्लब के वरिष्ठ मार्गदर्शक एवं संपादक संतोष गुप्ता राजेश शर्मा अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी मौजूद रहे।
(अंजनी राय की रिपोर्ट)
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