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मंदिर में चल रहा था हवन, तभी आ गए तीन शेर... संत करते रहे मंत्रोच्चार, यज्ञ खत्म होते ही लौट गए,

मंदिर में चल रहा था हवन, तभी आ गए तीन शेर... संत करते रहे मंत्रोच्चार, यज्ञ खत्म होते ही लौट गए,

A havan was being performed in the temple, when three lions arrived... The saint continued chanting mantras, and returned as soon as the yagna was over.




गुजरात के जूनागढ़ में विजयादशमी पर माता के मंदिर में एक अद्भुत नजारा हुआ. यहां यज्ञ कर रहे साधु और ब्राह्मण मंत्रोच्चार में लगे थे, तभी तीन शेर अचानक यज्ञ कुंड के पास आकर बैठ गए. हैरानी की बात यह रही कि शेर पूरे यज्ञ के दौरान वहीं रहे, और यज्ञ समाप्त होने के बाद ही जंगल की ओर लौटे.

वीडियो :



Gujrat News: विजयादशमी पर खोडियार माता के मंदिर में एक अनोखी और चौंकाने वाली घटना सामने आई. गिरनार पर्वत के जंगल के नजदीक पादरिया गांव के भोलेनाथ गौशाला के पास खोडियार माता का मंदिर है. यहां यज्ञ चल रहा था. जैसे ही साधु-संत मंत्रोच्चार कर रहे थे, तीन शेर अचानक यज्ञ कुंड के पास आकर बैठ गए.
स्थानीय लोगों और यज्ञ में शामिल भक्तों के लिए यह नजारा किसी चमत्कार से कम नहीं था. शेर यज्ञ कुंड से कुछ दूरी पर शांत होकर बैठे और पूरे यज्ञ के दौरान वहीं रहे. साधु-संतों ने किसी तरह का डर महसूस किए बिना मंत्रोच्चार जारी रखा. उन्होंने शांति और भक्ति के साथ मंत्रों का उच्चारण किया, जबकि शेर शांत बैठे रहे, मानो वे सब सुन रहे हों.
गिरनार के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर डॉ. अक्षय जोशी ने बताया कि यह क्षेत्र घने जंगल के पास है, इसलिए शेर का आना सामान्य हो सकता है. लेकिन इस बात ने सभी को हैरान कर दिया कि वन्य जीवन और मानव सभ्यता के बीच ऐसा शांत और अद्भुत समन्वय देखने को मिला.
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह घटना खोडियार माता की शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है. शेरों का यज्ञ कुंड के पास बैठना और मंत्रों को सुनते रहना, मानो उन्होंने भी माता की आराधना में हिस्सा लिया. करीब दो घंटे तक शेर वहीं बैठे रहे, और जैसे ही यज्ञ समाप्त हुआ, वे जंगल की ओर वापस चले गए.
यज्ञ में मौजूद पुजारियों ने कहा कि यह अनुभव अद्भुत और भयावह था, लेकिन माता की कृपा के कारण शेर शांत और नियंत्रित थे. उन्होंने शांति से यज्ञ पूरा किया और इस अद्भुत नजारे का सम्मान किया
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है. लोग इस घटना को देखकर हैरान हैं और इसे खोडियार माता की शक्ति और चमत्कार से जोड़ रहे हैं. विजयादशमी पर यह घटना भक्तों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी, जिसने सभी को खोडियार माता के प्रति श्रद्धा और विश्वास से भर दिया
(ब्यूरो रिपोर्ट)






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